प्रिय पाठकगण इस बार मै आपको रोचक कहानियो की वह धरोहर सौंपनै जा रही हुं, जो हमे हमारी दादी-नानी से मनो-रंजन और उपदेश के रूप मे सुनाई जाती थी ।गर्मीयो की छुट्टीयो मे,रात छतपर तारो को देखते हुए सुनी ये कहानिया मुझे आप तक पहुंचाने के लिए अनेक लोगो ने प्रेरीत किया है। उनकी शुभकामनाओ के साथ ये 'अद्भुत कहाॅनिया…
This book is for fulfilling the requirement of 'General Studies and English Grammar'. It has been written in which work has been done to include the topics of various subjects. by Pashupatinath Upadhyay (Author) Paperback: – 596 Pages Edition:- 1st Publisher: Novel Nuggets Publishers Language: Hindi, English ISBN: 978-9391178758
डॉ. सुमन का भाषाओं का ज्ञान इनसे कहीं आगे तक फैला हुआ है, जिनमें संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, बंगाली और असमिया शामिल हैं। उनकी ढाई दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से एक दर्जन पुस्तकें अभी प्रकाशनाधीन हैं। उनके कार्य प्राथमिक कक्षा से लेकर एम.ए. स्तर तक के हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा और ज्ञान की गहराई…
डॉ. सुमन का भाषाओं का ज्ञान इनसे कहीं आगे तक फैला हुआ है, जिनमें संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, बंगाली और असमिया शामिल हैं। उनकी ढाई दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से एक दर्जन पुस्तकें अभी प्रकाशनाधीन हैं। उनके कार्य प्राथमिक कक्षा से लेकर एम.ए. स्तर तक के हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा और ज्ञान की गहराई…
Hi friends, This book is not magic but works like magic if you use it properly. The book is not some gimmick or tricks book to quickly lose or gain weight. This is a practical handbook on fitness body transformation. I have compiled all the necessary information in an understandable way for everyone to benefit. So whether you are looking…
कुछ सालों पहले मैंने कला क्षेत्र में आने के लिए इलाहाबाद रंगमंच से एक नए सफ़र की शुरुआत की थी, और इंजीनियरिंग कि पढ़ाई से समय बचाकर नाटकों में अभिनय करने लगा। फिर कुछ दिनों बाद अभिनय के साथ साथ हिंदी पढने का शौक़ चढ़ा, तो दोस्तों से उधार मांगकर या फिर कॉलेज लाइब्रेरी में रखी हुई हिंदी किताबे पढने लगा।…
डॉ. सुमन का भाषाओं का ज्ञान इनसे कहीं आगे तक फैला हुआ है, जिनमें संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, बंगाली और असमिया शामिल हैं। उनकी ढाई दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से एक दर्जन पुस्तकें अभी प्रकाशनाधीन हैं। उनके कार्य प्राथमिक कक्षा से लेकर एम.ए. स्तर तक के हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा और ज्ञान की गहराई…
आप सभी को मेरा नमस्कार! मैं थोड़ा पढ़ा-लिखा जरूर हूँ, लेकिन लिखने का कोई सलीका मुझे मालूम नहीं है, अपने ही दर्द से मुख़ातिब रहा हूँ कुछ लिखने को। ना तो उर्दू की पकड़ है मुझे और ना ही बेहतर हिन्दी की जानकारी, लेकिन बावजूद इसके आप सब के बीच आने की हिमाकत कर रहा हूँ। बीते हुए कुछ वक्त…
प्रत्येक रचना अच्छी-बुरी परिस्थितियों व उनपर समाज व देश पर पड़ते प्रभाव पर मनन करने से ह्रदय से कविता के रूप में स्वयं व प्रत्येक रचना के लिए अभी अभी ही उद्घाटित होती है। अगर हाथ में कलम तथा सामने कागज का टुकड़ा हो तो भाव लिपिबद्ध हो जाता है वरना मन में चलते अनेकानेक आते-जाते विचारों की तरह विलीन…