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    • 560.0
    • This book is for fulfilling the requirement of 'General Studies and English Grammar'. It has been written in which work has been done to include the topics of various subjects.   by  Pashupatinath Upadhyay (Author) Paperback: – 596 Pages Edition:- 1st Publisher: Novel Nuggets Publishers  Language: Hindi, English ISBN: 978-9391178758
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  • Goriya Patri Quick View
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    • Goriya Patri

    • 299.0
    • डॉ. सुमन का भाषाओं का ज्ञान इनसे कहीं आगे तक फैला हुआ है, जिनमें संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, बंगाली और असमिया शामिल हैं। उनकी ढाई दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से एक दर्जन पुस्तकें अभी प्रकाशनाधीन हैं। उनके कार्य प्राथमिक कक्षा से लेकर एम.ए. स्तर तक के हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा और ज्ञान की गहराई…
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  • Immortal कलाकार Quick View
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    • Immortal कलाकार

    • 149.0
    • कुछ सालों पहले मैंने कला क्षेत्र में आने के लिए इलाहाबाद रंगमंच से एक नए सफ़र की शुरुआत की थी, और इंजीनियरिंग कि पढ़ाई से समय बचाकर नाटकों में अभिनय करने लगा। फिर कुछ दिनों बाद अभिनय के साथ साथ हिंदी पढने का शौक़ चढ़ा, तो दोस्तों से उधार मांगकर या फिर कॉलेज लाइब्रेरी में रखी हुई हिंदी किताबे पढने लगा।…
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  • Logava Ka Kahi Quick View
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    • Logava Ka Kahi

    • 199.0
    • डॉ. सुमन का भाषाओं का ज्ञान इनसे कहीं आगे तक फैला हुआ है, जिनमें संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, बंगाली और असमिया शामिल हैं। उनकी ढाई दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से एक दर्जन पुस्तकें अभी प्रकाशनाधीन हैं। उनके कार्य प्राथमिक कक्षा से लेकर एम.ए. स्तर तक के हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा और ज्ञान की गहराई…
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  • अतीत Quick View
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    • 160.0
    • आप सभी को मेरा नमस्कार! मैं थोड़ा पढ़ा-लिखा जरूर हूँ, लेकिन लिखने का कोई सलीका मुझे मालूम नहीं है, अपने ही दर्द से मुख़ातिब रहा हूँ कुछ लिखने को। ना तो उर्दू की पकड़ है मुझे और ना ही बेहतर हिन्दी की जानकारी, लेकिन बावजूद इसके आप सब के बीच आने की हिमाकत कर रहा हूँ। बीते हुए कुछ वक्त…
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  • अभी अभी Quick View
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    • अभी अभी

    • 199.0
    • प्रत्येक रचना अच्छी-बुरी परिस्थितियों व उनपर समाज व देश पर पड़ते प्रभाव पर मनन करने से ह्रदय से कविता के रूप में स्वयं व प्रत्येक रचना के लिए अभी अभी ही उद्घाटित होती है। अगर हाथ में कलम तथा सामने कागज का टुकड़ा हो तो भाव लिपिबद्ध हो जाता है वरना मन में चलते अनेकानेक आते-जाते विचारों की तरह विलीन…
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    • अविरल

    • 100.0
    • कविताओं का यह संग्रह जीवन के सभी रंगों का संगम माना जा सकता है। एक आम आदमी के जीवन के सभी अनुभव; भावात्मक जुड़ाव से लेकर मन को तोड़ देने वाली मुश्किलों तक, युवा सोच के जोश से लेकर वृद्ध संवेदनाओं तक, देश की बदलती राजनैतिक व्यवस्था से लेकर व्याकुल सामाजिक चेतना तक; इन काव्यधाराओं में सब समाहित हैं। विषय…
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    • खुशरंग

    • 199.0
    • प्राण और प्रणय दोनों में ही खुले आसमान में उड़ान भरने की स्वतंत्रता हो, तभी तो हर रंग खुशरंग हो पाता है.. नहीं? Paperback: – 85 Pages (03 July 2023) Edition:- 1st Publisher: Novel Nuggets Publishers  Language: Hindi ISBN: 978-9395312189
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  • बाल कविताएँ Quick View
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    • बाल कविताएँ

    • 129.0
    • साहित्य चर्चा मैं अठारह साल उम्र से ही प्रारम्भ निया । मेरा मातृभाषा बांगला होने के कारण बांगला मैं ही लिखने लगे । छंद हए जे मन्द बोले मोर दादा नन्द यह पहला लिखी हुईु बांगला कविता है। सन 1982 मैं करीब 60 कविताएँ एक गीत नाटय ( बच्चों के साथ आनन्द करते थे) तथा एक दुतु संगीत (प्रकासित) तथा…
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