Aaj Ka Gandhi

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मार्टिन लूथर किंग जूनियर को अमेरिका का गांधी कहा गया, क्योंकि उन्होंने अश्वेतों के अधिकार के लिए गांधीवादी विचारधारा का सहारा लिया और सफलता पाई, नेल्सन मण्डेला ने अफ्रीका को गांधीवादी विचारधारा के माध्यम से ही आजाद करवाया; दलाईनामा, गांधीवादी विचारधारा के सहारे आज भी तिब्बत को आजाद कराने का सपना देख रहे हैं; आंग सान सु की म्यांमार को तानाशाही सैनिक शासन से मुक्त कराने के लिए गांधीवादी विचारधारा का ही सहारा ले रही हैं। गांधीवाद एक विचारधारा है जिसमें सत्य, अहिंसा, स्वराज, सर्वोदय, धर्मनिरपेक्षता जैसे विचारों की जमा पूंजी है, जिसे अपनाकर आज भारत में राहुल गांधी देश में पनपी या थोपी गयी असमानता, अराजकता, भय, आतंक, और नफरत को समाप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और चाहते हैं कि भारत एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में जो उदित हुआ था, वह पुनः कायम किया जा सके। इसलिए वे कहते हैं, “नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान।” राहुल गांधी कहते हैं “डरो मत।” डर से भय का संचार होता है, जिससे हिंसा का जन्म होता है, लोग हिंसक हो जाते हैं और हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। गांधी एक व्यक्ति नहीं एक विचारधारा है; और जो भी इस विचारधारा को अपनाएगा या फिर उसपर चलेगा या चलने का प्रयास करेगा यह गांधी ही कहलायेगा। इसलिए अगर आज के संदर्भ में राहुल गांधी को आज का गांधी कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

by Ashok Kumar Jha

  • Publisher ‏ : ‎ Novel Nuggets; First Edition (11 May 2025)
  • Language ‏ : ‎ Hindi,
  • Paperback ‏ : ‎ 260 pages
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 978-9364203081

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Description

मार्टिन लूथर किंग जूनियर को अमेरिका का गांधी कहा गया, क्योंकि उन्होंने अश्वेतों के अधिकार के लिए गांधीवादी विचारधारा का सहारा लिया और सफलता पाई, नेल्सन मण्डेला ने अफ्रीका को गांधीवादी विचारधारा के माध्यम से ही आजाद करवाया; दलाईनामा, गांधीवादी विचारधारा के सहारे आज भी तिब्बत को आजाद कराने का सपना देख रहे हैं; आंग सान सु की म्यांमार को तानाशाही सैनिक शासन से मुक्त कराने के लिए गांधीवादी विचारधारा का ही सहारा ले रही हैं। गांधीवाद एक विचारधारा है जिसमें सत्य, अहिंसा, स्वराज, सर्वोदय, धर्मनिरपेक्षता जैसे विचारों की जमा पूंजी है, जिसे अपनाकर आज भारत में राहुल गांधी देश में पनपी या थोपी गयी असमानता, अराजकता, भय, आतंक, और नफरत को समाप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और चाहते हैं कि भारत एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में जो उदित हुआ था, वह पुनः कायम किया जा सके। इसलिए वे कहते हैं, “नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान।” राहुल गांधी कहते हैं “डरो मत।” डर से भय का संचार होता है, जिससे हिंसा का जन्म होता है, लोग हिंसक हो जाते हैं और हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। गांधी एक व्यक्ति नहीं एक विचारधारा है; और जो भी इस विचारधारा को अपनाएगा या फिर उसपर चलेगा या चलने का प्रयास करेगा यह गांधी ही कहलायेगा। इसलिए अगर आज के संदर्भ में राहुल गांधी को आज का गांधी कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

Additional information

Weight 0.45 kg
Dimensions 6 × 1 × 9 in

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